गाजर की फसल से अच्छा उत्पादन हासिल करने के लिये जरूरी है कि उन्नत बीजों का ही चुनाव करें 

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भारत में गाजर की यूरोपियन और एशियाई किस्मों की काफी खपत है

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गाजर की उन्नत यूरोपियन किस्मों में अर्ली नैन्टस और पूसा यमदाग्नि शामिल है

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जिनसे एक हैक्येर खेत में करीब 200-250 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है

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इस किस्म की गाजर लंबी जड़ों वाली और नारंगी रंग की होती है.

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वहीं दूसरी तरफ गाजर की एशियाई किस्मों में पूसा मेघाली, पूसा केशर और गाजर- 29 काफी पसंद की जाती हैं

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जो यूरोपियन किस्मों से ज्यादा यानी 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयरतक उपज देती हैं.

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एक हैक्टेयर जमीन पर गाजर की खेती के लिये करीब 6-8 किग्रा बीज की जरूरत होती है.

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