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गन्ने के कीटों से छुटकारा पाने के लिए ये दवाएं अपनाएं : गन्ने की खड़ी फसल में दीमक को खत्म करने के लिए क्लोरपायरीफॉस 20 ई.सी. 20 किलो बालू एवं मिट्टी में 1 लीटर प्रति एकड़ दवा मिलाकर खेत में समान रूप से छिड़कें और हल्की सिंचाई करें। यदि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो फोटो के नीचे पीले रंग के अंगूठे के निशान पर क्लिक करें एवं नीचे दिए गए विकल्पों का इस्तेमाल करके इसे अपने सभी किसान भाइयों के साथ साझा करें।
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किसानों को यह उपाय अपनाना चाहिए
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अपनी फसल को दीमक से बचाने के लिए आप 0.4% फेनवैलरेट डस्ट 25 किग्रा प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा इमिडाक्लोप्रिड-200 एसएल 400 मिली प्रति हेक्टेयर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा जिस खेत में दीमक का प्रकोप हो वहां उचित सिंचाई करके भी दीमक को कम किया जा सकता है।
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गन्ने में दीमक लगने वाले कीटो की दवा दीमक
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फसल लगने से पहले बीजों का उपचार करें। गोलियों के लिए इमिडाक्लोप्रिड समाधान 4 मिली। बुवाई के समय बीज को 2 मिनट प्रति 10 लीटर पानी में डुबोएं या क्लोरपाइरीफॉस 2 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। यदि इसका आक्रमण खड़ी फसल पर दिखाई दे रहा हो तो इमिडाक्लोप्रिड 60 मिली जड़ के पास डालें। प्रति 150ली पानी में 1 लीटर या 200ली पानी में क्लोरपाइरीफॉस मिलाएं।
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व्हाइट ग्रब
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यह ग्रब जड़ों पर हमला कर देता है जिससे गन्ना खोखला हो जाता है। शुरू में इसका नुकसान कम होता है लेकिन बाद में यह पूरे खेत में आ जाता है। ये कैटरपिलर बारिश के बाद मिट्टी से बाहर निकल आते हैं और पास के पेड़ों में इकट्ठा हो जाते हैं और रात में इसकी पत्तियों को खाते हैं।
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गन्ने की जड़ में इमिडाक्लोप्रिड 4-6 मिली. इसे प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें। फसल जल्दी बोने से भी इसके नुकसान से बचा जा सकता है। बीजों को क्लोरपायरीफॉस से उपचारित करना चाहिए। इसके अलावा फोरेट 4 किग्रा या कार्बोफ्यूरोन 13 किग्रा प्रति एकड़ मिट्टी में मिला दें। खेत में पानी खड़े रहने से भी इस कीट को नियंत्रित किया जा सकता है। क्लॉथिएनिडिन 40 ग्राम प्रति एकड़ 400 लीटर पानी में घोलकर इसमें लगा दे।
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